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Auratein - औरतें By रमाशंकर यादव विद्रोही | Women Empowerment Poems - Kuch Auraton Me Apni Ichha Se...

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Kisi Ke Kahe Par Chalna Mujhe Manzoor Nahin - Harishankar Parsai Ji Ki Hindi Kavita

Kisi Ke Kahe Par Chalna Mujhe Manzoor Nahin - Harishankar Parsai Ji Ki Hindi Kavita हरिशंकर परसाई की हिंदी कविता किसी के निर्देश पर चलना नहीं स्वीकार मुझको नहीं है पद चिह्न का आधार भी दरकार मुझको ले निराला मार्ग उस पर सींच जल कांटे उगाता और उनको रौंदता हर कदम मैं आगे बढ़ाता शूल से है प्यार मुझको, फूल पर कैसे चलूं मैं? बांध बाती में हृदय की आग चुप जलता रहे जो और तम से हारकर चुपचाप सिर धुनता रहे जो जगत को उस दीप का सीमित निबल जीवन सुहाता यह धधकता रूप मेरा विश्व में भय ही जगाता प्रलय की ज्वाला लिए हूं, दीप बन कैसे जलूं मैं? जग दिखाता है मुझे रे राह मंदिर और मठ की एक प्रतिमा में जहां विश्वास की हर सांस अटकी चाहता हूँ भावना की भेंट मैं कर दूं अभी तो सोच लूँ पाषान में भी प्राण जागेंगे कभी तो पर स्वयं भगवान हूँ, इस सत्य को कैसे छलूं मैं? - हरिशंकर परसाई   Kisi Ke Kahe Par Chalna - Harishankar Parsai Ji Ki Hindi Kavita Kisi ke kahe par chalna mujhe manzoor nahin, Na hi mujhe chahiye kisi padchinh ki zameen. Main alag rasta chunta hoon, kaanton se bhara, Unhein seenchta hoon aur fir raundta...

🏆 कर्नाटक में जश्न की लहर: RCB की ऐतिहासिक IPL जीत ने जीता दिल और ट्रॉफी

🏆 कर्नाटक में जश्न की लहर: RCB की ऐतिहासिक IPL जीत ने जीता दिल और ट्रॉफी रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) ने 2025 के IPL फाइनल में पंजाब किंग्स को हराकर पहली बार IPL ट्रॉफी अपने नाम की। अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में खेले गए इस रोमांचक मुकाबले में RCB ने पंजाब को 6 रनों से मात दी और इतिहास रच दिया। 18 वर्षों के लंबे इंतज़ार के बाद यह जीत आई है, जिसने पूरे कर्नाटक को एकजुट कर दिया। 💥 IPL 2025 फाइनल मुख्य बिंदु: मुकाबला: RCB बनाम पंजाब किंग्स स्थान: नरेंद्र मोदी स्टेडियम, अहमदाबाद अंतर: 6 रन से जीत उपलब्धि: RCB की पहली IPL ट्रॉफी 🎉 बेंगलुरु में हुआ भव्य स्वागत RCB की ऐतिहासिक जीत पर कर्नाटक सरकार ने भव्य स्वागत की तैयारी की। उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने HAL एयरपोर्ट पर विराट कोहली का गर्मजोशी से स्वागत किया और कहा: RCB के खिलाड़ियों ने हमें गर्व और सम्मान दिलाया है। कर्नाटक की जनता की ओर से उन्हें बधाई । मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने घोषणा की कि वे RCB के खिलाड़ियों से विदान सौधा में मिलेंगे, जहाँ फोटो सेशन और विजय जुलूस भी आयोजित होगा। 🔥 विराट कोहली: 1...

Hindi Poem On RCB Winning IPL | Royal Challengers Bangalore Ipl Win Poem - Hindi Poem On RCB

 Hindi Poem On RCB Winning IPL | Royal Challengers Bangalore Ipl Win Poem  सच है, विपत्ति जब आती है - Sach Hai, Vipatti Jab Aati Hai | भूखण्ड-विजेता कौन हुआ? सच है, विपत्ति जब आती है, कायर को ही दहलाती है, शूरमा नहीं विचलित होते, क्षण एक नहीं धीरज खोते, विघ्नों को गले लगाते हैं, काँटों में राह बनाते हैं। मुख से न कभी उफ कहते हैं, संकट का चरण न गहते हैं, जो आ पड़ता सब सहते हैं, उद्योग-निरत नित रहते हैं, शूलों का मूल नसाने को, बढ़ खुद विपत्ति पर छाने को। है कौन विघ्न ऐसा जग में, टिक सके वीर नर के मग में खम ठोंक ठेलता है जब नर, पर्वत के जाते पाँव उखड़। मानव जब जोर लगाता है, पत्थर पानी बन जाता है। गुण बड़े एक से एक प्रखर, हैं छिपे मानवों के भीतर, मेंहदी में जैसे लाली हो, वर्तिका-बीच उजियाली हो। बत्ती जो नहीं जलाता है रोशनी नहीं वह पाता है। पीसा जाता जब इक्षु-दण्ड, झरती रस की धारा अखण्ड, मेंहदी जब सहती है प्रहार, बनती ललनाओं का सिंगार। जब फूल  पिरोये  जाते हैं, हम उनको गले लगाते हैं।   सच है, विपत्ति जब आती है? भूखण्ड-विजेता कौन हुआ? अतुलित यश क्रेता कौन हुआ? नव-धर्म...

Bhai Rahgir Ye Hum Konsi Gaadi Pe Chadh Gaye | भाई राहगीर, ये हम कौनसी गाड़ी पे चढ़ गए? - Rahgir Song Lyrics

Bhai Rahgir Ye Hum Konsi Gaadi Pe Chadh Gaye भाई राहगीर, ये हम कौनसी गाड़ी पे चढ़ गए? Rahgir Song Lyrics अभी पतझड़ नहीं आया, अभी से पत्ते झड़ गए अभी पतझड़ नहीं आया, अभी से पत्ते झड़ गए भाई राहगीर, ये हम कौनसी गाड़ी पे चढ़ गए? भाई राहगीर, ये हम कौनसी गाड़ी पे चढ़ गए? अभी है बाप जिंदा, बेटे बंटवारे को लड़ गए अभी है बाप जिंदा, बेटे बंटवारे को लड़ गए भाई राहगीर, ये हम कौनसी गाड़ी पे चढ़ गए? भाई राहगीर, ये हम कौनसी गाड़ी पे चढ़ गए? रहके भूखा लड़ के, लेखक बन गया वो झुकने को कहा दुनिया ने लेकिन तन गया वो सबने कहा लिख शहद मगर उसने तेज़ाब लिखी और बातें भी दो-चार नहीं, एक पूरी किताब लिखी एक पूरी किताब लिखी ठेले पे समोसे के उसके फिर पन्ने फड़ गए भाई राहगीर, ये हम कौनसी गाड़ी पे चढ़ गए? भाई राहगीर, ये हम कौनसी गाड़ी पे चढ़ गए? किसी कचरे से बीज लिया, किसी नाली से पानी फिर उनसे खेल-खेल कर काटी उम्र जवानी जब बाग़ लगा तो नज़रें टिक गयी दुनिया वालों की पर उसने वापस मूंह पर मारी दौलत सालों की अरे दौलत सालों की... अरे दौलत सालों की... उसके मरते ही बेटे बिक गए बाग़ उजड़ गए भाई राहगीर, ये हम कौनसी गाड़ी पे चढ़ गए? भाई राहगीर,...

Famous Poems

महाभारत पर रोंगटे खड़े कर देने वाली हिंदी कविता - Mahabharata Poem On Arjuna

|| महाभारत पर रोंगटे खड़े कर देने वाली कविता || || Mahabharata Poem On Arjuna ||   तलवार, धनुष और पैदल सैनिक कुरुक्षेत्र में खड़े हुए, रक्त पिपासु महारथी इक दूजे सम्मुख अड़े हुए | कई लाख सेना के सम्मुख पांडव पाँच बिचारे थे, एक तरफ थे योद्धा सब, एक तरफ समय के मारे थे | महा-समर की प्रतिक्षा में सारे ताक रहे थे जी, और पार्थ के रथ को केशव स्वयं हाँक रहे थे जी ||    रणभूमि के सभी नजारे देखन में कुछ खास लगे, माधव ने अर्जुन को देखा, अर्जुन उन्हें  उदास लगे | कुरुक्षेत्र का महासमर एक पल में तभी सजा डाला, पांचजन्य  उठा कृष्ण ने मुख से लगा बजा डाला | हुआ शंखनाद जैसे ही सब का गर्जन शुरु हुआ, रक्त बिखरना हुआ शुरु और सबका मर्दन शुरु हुआ | कहा कृष्ण ने उठ पार्थ और एक आँख को मीच जड़ा, गाण्डिव पर रख बाणों को प्रत्यंचा को खींच जड़ा | आज दिखा दे रणभूमि में योद्धा की तासीर यहाँ, इस धरती पर कोई नहीं, अर्जुन के जैसा वीर यहाँ ||    सुनी बात माधव की तो अर्जुन का चेहरा उतर गया, ...

Kahani Karn Ki Poem Lyrics By Abhi Munde (Psycho Shayar) | कहानी कर्ण की - Karna Par Hindi Kavita

Kahani Karn Ki Poem Lyrics By Psycho Shayar   कहानी कर्ण की - Karna Par Hindi Kavita पांडवों  को तुम रखो, मैं  कौरवों की भी ड़ से , तिलक-शिकस्त के बीच में जो टूटे ना वो रीड़ मैं | सूरज का अंश हो के फिर भी हूँ अछूत मैं , आर्यवर्त को जीत ले ऐसा हूँ सूत पूत मैं |   कुंती पुत्र हूँ, मगर न हूँ उसी को प्रिय मैं, इंद्र मांगे भीख जिससे ऐसा हूँ क्षत्रिय मैं ||   कुंती पुत्र हूँ, मगर न हूँ उसी को प्रिय मैं, इंद्र मांगे भीख जिससे ऐसा हूँ क्षत्रिय मैं ||   आओ मैं बताऊँ महाभारत के सारे पात्र ये, भोले की सारी लीला थी किशन के हाथ सूत्र थे | बलशाली बताया जिसे सारे राजपुत्र थे, काबिल दिखाया बस लोगों को ऊँची गोत्र के ||   सोने को पिघलाकर डाला शोन तेरे कंठ में , नीची जाती हो के किया वेद का पठंतु ने | यही था गुनाह तेरा, तू सारथी का अंश था, तो क्यों छिपे मेरे पीछे, मैं भी उसी का वंश था ?   यही था गुनाह तेरा, तू सारथी का अंश था, तो क्यों छिपे मेरे पीछे, मैं भी उसी का वंश था ? ऊँच-नीच की ये जड़ वो अहंकारी द्रोण था, वीरों की उसकी सूची में, अर्...

सच है, विपत्ति जब आती है, कायर को ही दहलाती है - Sach Hai Vipatti Jab Aati Hai

  सच है, विपत्ति जब आती है, कायर को ही दहलाती है रामधारी सिंह "दिनकर" हिंदी कविता दिनकर की हिंदी कविता Sach Hai Vipatti Jab Aati Hai सच है, विपत्ति जब आती है, कायर को ही दहलाती है, शूरमा नहीं विचलित होते, क्षण एक नहीं धीरज खोते, विघ्नों को गले लगाते हैं, काँटों में राह बनाते हैं। मुख से न कभी उफ कहते हैं, संकट का चरण न गहते हैं, जो आ पड़ता सब सहते हैं, उद्योग-निरत नित रहते हैं, शूलों का मूल नसाने को, बढ़ खुद विपत्ति पर छाने को। है कौन विघ्न ऐसा जग में, टिक सके वीर नर के मग में ? खम ठोंक ठेलता है जब नर , पर्वत के जाते पाँव उखड़। मानव जब जोर लगाता है, पत्थर पानी बन जाता है । Sach Hai Vipatti Jab Aati Hai गुण बड़े एक से एक प्रखर, हैं छिपे मानवों के भीतर, मेंहदी में जैसे लाली हो, वर्तिका-बीच उजियाली हो। बत्ती जो नहीं जलाता है, रोशनी नहीं वह पाता है। पीसा जाता जब इक्षु-दण्ड , झरती रस की धारा अखण्ड , मेंहदी जब सहती है प्रहार, बनती ललनाओं का सिंगार। जब फूल पिरोये जाते हैं, हम उनको गले लगाते हैं। वसुधा का नेता कौन हुआ? भूखण्ड-विजेता कौन हुआ ? अतुलित यश क्रेता कौन हुआ? नव-धर्म प्...

Aadmi Chutiya Hai Song Lyrics - फूलों की लाशों में ताजगी चाहता है, आदमी चूतिया है | Rahgir Song Lyrics

Aadmi Chutiya Hai Song Lyrics फूलों की लाशों में ताजगी चाहता है, आदमी चूतिया है फूलों की लाशों में ताजगी चाहता है फूलों की लाशों में ताजगी ताजगी चाहता है आदमी चूतिया है, कुछ भी चाहता है फूलों की लाशों में ज़िंदा है तो आसमान में उड़ने की ज़िद है ज़िंदा है तो आसमान में उड़ने की ज़िद है मर जाए तो मर जाए तो सड़ने को ज़मीं चाहता है आदमी चूतिया है काट के सारे झाड़-वाड़, मकाँ मकाँ बना लिया खेत में सीमेंट बिछा कर ज़मीं सजा दी, मार के कीड़े रेत में काट के सारे झाड़-वाड़, मकाँ बना लिया खेत में सीमेंट बिछा कर ज़मीं सजा दी, मार के कीड़े रेत में लगा के परदे चारों ओर क़ैद है चार दीवारी में मिट्टी को छूने नहीं देता, मस्त है किसी खुमारी में मस्त है किसी खुमारी में और वो ही बंदा अपने घर के आगे आगे नदी चाहता है आदमी चूतिया है टाँग के बस्ता, उठा के तंबू जाए दूर पहाड़ों में वहाँ भी डीजे, दारू, मस्ती, चाहे शहर उजाड़ों में टाँग के बस्ता, उठा के तंबू जाए दूर पहाड़ों में वहाँ भी डीजे, दारू, मस्ती, चाहे शहर उजाड़ों में फ़िर शहर बुलाए उसको तो जाता है छोड़ तबाही पीछे कुदरत को कर दाग़दार सा, छोड़ के अपनी स्याही पीछे छोड़ के अपनी स्याही ...

सादगी तो हमारी जरा देखिये | Saadgi To Hamari Zara Dekhiye Lyrics | Nusrat Fateh Ali Khan Sahab

Saadgi To Hamari Zara Dekhiye Lyrics सादगी तो हमारी जरा देखिये   सादगी तो हमारी जरा देखिये,  एतबार आपके वादे पे कर लिया | मस्ती में इक हसीं को ख़ुदा कह गए हैं हम,  जो कुछ भी कह गए वज़ा कह गए हैं हम  || बारस्तगी तो देखो हमारे खुलूश कि,  किस सादगी से तुमको ख़ुदा कह गए हैं हम || किस शौक किस तमन्ना किस दर्ज़ा सादगी से,  हम करते हैं आपकी शिकायत आपही से || तेरे अताब के रूदाद हो गए हैं हम,  बड़े खलूस से बर्बाद हो गए हैं हम ||